Our Deserts
राजस्थान आओ तो हथाई जरुर करना
लो हथाई करते है एक सुबह में अपने रूम से निकला, मे ग्राम भ्रमण के लिए तैयार था । अपने कार्यलय...
कैसे पशु प्रशिक्षक बने श्रवण
नाम - श्रवण स्थान - जानेवा ईस्ट जिला - नागौर ये बात लगभग 8 वर्ष पहले की है,जब उरमूल खेजड़ी हमारे...
पुराने खेल और टेक्नोलॉजी के संघर्ष से उत्पन्न सवाल, क्या आज भी पुराने खेल और उनकी मूल भावनाओं को समझना जरूरी है?
गांव और शहर के बीच अंतर अनेक तरह के होते हैं। शहर में रहने वाले लोगों के लिए अन्यथा समाज, रोजगार...
Canal And Camel, A Strange Relationship In The Thar
The camel is an integral part of the Thar desert ecosystem for many past centuries and the Indira...
थार की कसीदाकारी
एक दिन गांवों में घूमते-घामते एक झोपड़ी पर चरखा पड़ा दिखाई दिया। पहले ग्रामीण इस चरखे से कताई करते...
मालधारियों से सीखना होगा
कच्छ के मालधारी चारागाह की जमीन का सामुदायिक अधिकार पाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने वन...
महामारी में आत्मनिर्भरता की पहल
फोटो क्रेडिटः उरमूल “जब पिछले साल अचानक से तालाबंदी हुई थी तब हमने तत्काल बैठक की, स्थिति का आंकलन...
Struggles And Challenges Of The Pastoral Ecosystem In The Thar Desert
Pastoralism is an occupation that is both beneficial and necessary for the entire Indian economy and wildlife ecosystems to
Into the Herd
INTO THE HERD is a timeframe photo story of an entire day for the ship of the deserts (Camel) in Pokaran. These photos wereclicked during my community integration projectwith the camel herder
सुंदरलाल बहुगुणा : जिन्होंने गांधी को जिया
मुझे याद आ रहा है जब पहली बार मैंने उन्हें देखा व सुना था। यह 90 के दशक के उत्तरार्ध की बात है, जब वे बड़े बांधों की एक बैठक में इन्दौर आए थे। उन्होंने बैठक में क्या कहा, पूरी बातें याद नहीं, पर एक बात