by Baba Mayaram | Oct 1, 2021
एक दिन गांवों में घूमते-घामते एक झोपड़ी पर चरखा पड़ा दिखाई दिया। पहले ग्रामीण इस चरखे से कताई करते थे, पर अब इस्तेमाल नहीं करते। राजस्थान में हस्तकला की परंपरा रही है। चाहे वह ऊन की हो,चमड़े की हो, कशीदाकारी की हो या लकड़ी की। उन्हें लगा कि ऐसे कठिन समय में लोग अपने...
by Baba Mayaram | Oct 1, 2021
कच्छ के मालधारी चारागाह की जमीन का सामुदायिक अधिकार पाने के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने वन अधिकार कानून के तहत दावे फार्म भरे हैं। गुजरात सरकार ने इसे सकारात्मक ढंग से लेकर गैर अनुसूचित क्षेत्र में सामुदायिक अधिकार की अधिसूचना जारी कर दी है। लेकिन काफी समय गुजरने...
by Baba Mayaram | Aug 17, 2021
फोटो क्रेडिटः उरमूल “जब पिछले साल अचानक से तालाबंदी हुई थी तब हमने तत्काल बैठक की, स्थिति का आंकलन किया और टीम बनाई। मास्क बनाए, राशन वितरण किया, पशुओं का टीकाकरण किया, टिकाऊ कृषि और सब्जी बाड़ी पर जोर दिया। जन जागरूकता कार्यक्रम चलाया।” यह उरमूल सीमांत समिति की शिल्प...
by Baba Mayaram | May 29, 2021
सुंदरलाल बहुगुणाः जिन्होंने गांधी को जिया पेड़, प्रकृति से प्यार करना सिखाया, विकास की सीमा बताई विख्यात पर्यावरणविद् व हिमालय की पहचान बन चुके सुंदरलाल बहुगुणा जी का पिछले दिनों निधन हो गया। मुझे याद आ रहा है जब पहली बार मैंने उन्हें देखा व सुना था। यह 90 के दशक के...
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